सम्मान समारोह | मोहर्रम 2023 बालोतरा | Honour Ceremony | Muharram 2023 Balotra Rajasthan
Date : 29.07.2023 Balotra Rajasthan
हर साल की तरह इस साल भी मुहर्रम का मातमी पर्व अकीदत, अमन और रिवायती अंदाज में मनाया गया।
मोहर्रम लाइसेंसधारी बालोतरा जनाब हाजी अब्दुल रहमान साहब मोयला ने बताया कि बारिश के मौसम को देखते हुए इस साल मोहर्रम अस्थायी तोर पारंपरिक मार्ग से नहीं निकला गया। अगले साल तयशुदा रूट से ही मोहर्रम जुलूस निकाला जाएगा।
पारम्परिक मोहर्रम (ताजिया) को अकीदतमंदों की जियारत और खिराज ए अकीदत पेश करने के लिए स्थानीय गेमना गाजी दरगाह के पास मोहम्मेद्न ग्राउंड पर 28 जुलाई की रात 8 बजे बजे से अकीदतमंदों के जियारत के लिए रखवाया गया । साथ ही मातमी धुनों पर मोहर्रम ढोल ताशे और अखाड़ा प्रदर्शन के साथ 2 दिन का मातमी पर्व रिवयती अंदाज में अकीदत ओ एहतराम और अमन के साथ मनाया गया ।
29 जुलाई इस्लामिक कैलेंडर की 10 मुहर्रम को शाम 5 बजे मुस्लिम बालोतरा की जनिब से एजाजिया तकरीब (मुहर्रम सम्मान समारोह) प्रोग्राम रखा गया। अयोजित मुहर्रम कार्यक्रम के दौरन शेख चिराग अखाड़ा बालोतरा के माहिर अखाड़ेबाजों ने हैरत अंगेज अखाड़ा करतब शानदार तलवारबाजी, कैंची पर दोनो पांव बांधकर गोल गोल घुमाना , आंख और सीने से सरिया मोड़ना , चकरी चलाना, पेट पर कांच का गिलास रखकर उस पर छैनी से सरिया काटना , मुग्दर (मोगरी) घुमाना ,लाठी चलाना आदि का प्रदर्शन किया। मेहमान ए खुसूसी विधायक पचपदरा जनाब मदन प्रजापत, गेस्ट ऑफ ऑनर तहसीलदार जनाब इमरान खान साहब, नगर परिषद बालोतरा चेयरपर्सन श्रीमती सुमित्रा जैन, सैनिटरी इंस्पेक्टर, पुलीस उप अधीक्षक श्रीमती नीरज शर्मा, थाना अधिकारी श्री उगमराज सोनी पुलिस प्रशासन अधिकारीगण, स्थानीय जन प्रतिनिधिगण और विभिन्न सरकारी अमले के अधिकारी और स्टाफ ने शिरकत कर अमन और भाईचारे का पैगाम दिया। इस्तक़बलिया तकरीब (सम्मान समारोह )में मुस्लिम समाज बालोतरा के ओहदेरों ने सभी मेहमानों को राजस्थानी साफा पहनाकर और चेयर पर्सन साहिबा श्रीमती सुमित्रा जैन, पुलीस उप अधीक्षक श्रीमती नीरज शर्मा और सैनिटरी इंस्पेक्टर मैडम को शाल ओढाकर इज्जत अफजाई ,बहुमान और इस्ताकबल किया |
मेहमान साहिबान ने मुहर्रम लाइसेंसी हाजी अब्दुर्रहमान मोयला, अनवर भाई सिंधी छिपा, मुस्लिम समाज बालोतरा सदर जनाब सफी मोहम्मद मोयल, अखाड़ा उस्ताद हाजी मोहम्मद भाई घोसी और अखाड़ेबाजो और वालंटियर्स को साफा पहनाकर इज्जत अफजई और सम्मानित किया। मेहमान साहिबान ने मुहर्रम (ताजिया) पर गुलहा ए अकीदत पेश कर सांप्रदायिक सौहार्द और गंगा जमनी तहजीब का मुजाहिरा किया।
कार्यकर्म के समापन पर मुस्लिम समाज सेक्रेटरी मेहबूब ने विद्युत विभाग, पुलीस प्रशासन और नगरपरिषद सफाई शाखा का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की निजामत हाजी गुलाम रसूल तक ने की ।
शाम साढ़े सात बजे मोहर्रम (ताजिया) पुलिस सुरक्षा के साथ मौलाना अबुल कलाम आज़ाद स्कूल करबला पहुंचाया गया।
मोहर्रम क्यों मनाया जाता है?
शहीदाने कर्बला की याद में हर साल इस्लामिक कैलेंडर 📆 के मोहर्रम के चांद की 9 और 10तारीख को मोहर्रम का मातमी पर्व मुहर्रम मनाया जाता है
करबला
शोहदा ए करबला, और नवासा ए रसूल, फरजंद ए मौला अली, लख्त ए जिगर जहरा बतुल इमाम आली मकाम सैय्यदना इमाम हुसैन रदियल्लाहो अनहुम, अहले बयात और दीगर जान निसार, कुल 72 अफराद को यजीदी लश्कर ने भूखे और प्यासे कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया था । उनकी अज़ीम शहादत की याद में हर साल इस्लामिक कैलेंडर मोहर्रम की 9वी और दसवीं तारीख को मातमी पर्व मोहर्रम मनाया जाता है । 10मोहर्रम को बतौर यौम ए आशूरा मनाया जाता है और रोजा रखा जाता है ।
मोहर्रम पर्व पर गली मोहल्ले की मस्जिदों और घरों में वाकियात ए कर्बला बयान किया जाता है। इसके अलावा शहीदाने करबला खिराज अकीदत पेश किया जाता है और उनका ईसाल ए सवाब के लिए, अकीदतमंदों के जानिब से दलीम खिचड़ा और शरबत को बतौर ए नियाज़ अवाम में तकसीम किया जाता है।
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