Kanana Ger Mela Kanana Fair 2019 Balotra Rajasthan
शीतला सप्तमी#कनाना #मेला 2019 बालोतरा
शीतला सप्तमी के मौके पर कनाना गेर मेला
Traditional Fair of Rajasthan,Folk Deity Sheetla Mata Temple Kanana Balotra
आयोजित गेर मेला कनाना बालोतरा जिला बाड़मेर राजस्थान
ऐतिहासिक महत्व के गांव , और वीर दुर्गादास की जन्मस्थली कनाना, बालोतरा उपखण्ड , जिला बाड़मेर में शीतला सप्तमी के दिन शीतला माता मंदिर के आगे ,हर वर्ष मेला आयोजित होता है । ग्रामीण अंचलों के महिला पुरुष बच्चे युवक युक्तियां हजारों की तादाद में इकट्ठे होते हैं । देवस्थान में हजारों श्रद्धालु शीतला माता के दर्शन करते हैं ,माताजी की कथा वाचन कर, ठंडा और बासी भोजन का भोग लगाते हैं । चेचक व अन्य गम्भीर जानलेवा बीमारियों से बचने व पारिवारिक सुख शांति एवं खुशहाल जीवन की माताजी से प्रार्थना करते हैं। कनाना मेला राजस्थानी लोक नृत्य गेर मेला के नाम से भी प्रसिद्ध है । यहां पर ग्रामीण अंचलों से आये दर्जनभर गेर दल ,अपने गांव एवं समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए, पारंपरिक वेशभूषा एवं वाद्य यंत्रों के साथ मनभावव गैर नृत्य की प्रस्तुति देते हैं। विभिन्न गेर दलों के गेर नृत्य देखने के लि़ए भारी तादाद में h इकट्ठे होते हैं । मेले हमारी धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परम्पराओं के प्रतीक तो है ही, सामाजिक दृष्टि से भी इनका अपना महत्व है. समाज में परस्पर मेल मिलाप, भाईचारा, सहयोग की दृष्टि से भरने वाले मेले अपने आप में विशेष महत्व रखते है.इन मेलों से लोग एक दूसरे की सामाजिक रीती रिवाजों से परिचित होते है. एक सांस्कृतिक आदान प्रदान की परम्परा का निर्वहन होता है। इनसें आपसी सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आती है और साम्प्रदायिक सद्भाव को भी बल मिलता है.सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मेलों की महत्ति आवश्यकता है। इन मेलों से सामाजिक मेल जोल बढ़ता है, कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं का विक्रय होता है, मनोरंजन भी होता है ,और जरुरी चीजों के खरीद फरोख्त की सुविधा भी मिल जाती है । मेले और त्यौंहार ग्रामीण जीवन की नीरसता को कम कर उसमें नवीन ऊर्जा का संचार करते हैं।मेले पर्यटन को भी प्रभावित करते है । लोक आस्था के प्रतीक इन मेलों को देखने के लिए दूर दराज से ही नही, अपितु देश के विभिन्न भागों से विदेशों पर्यटक भी शामिल होते हैं। मेलो और त्योहारों का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। इन मेलों से सिर्फ लोगों का मनोरंजन ही नहीं बल्कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों को रोजगार भी प्राप्त होता है। ये ग्रामीणव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का कार्य भी करते हैं है । मेले और त्यौहारों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में परंपराओं व संस्कृति संवाहक माना जाता है । इसलिए इस प्रकार के मेलों और आयोजनो को संरक्षण एवं संवर्धन प्रदान किया जाना चाहिए
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