बालोतरा :रावण दहन देखने उमड़ा जनसैलाब | दशहरा मेला 2023 | Vijayadashmi| Dashara Mela 2023 Balotra Rajasthan

 




Balotra: रावण दहन देखने उमड़ा जनसैलाब | दशहरा मेला 2023 | Vijayadashmi| Dashara Mela 2023 Balotra Rajasthan

रावण दहन | विजयदशमी 2023 बालोतरा।
Balotra : Ravan Dahan | Vijayadashmi
Balotra Rajasthan
Date : 24-10-2023

अहंकार पर विनम्रता की, असत्य पर सत्य की, अधर्म पर , धरम की ,लंका नरेश रावण पर ,मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की विजय का प्रतीक  , विजय दशमी  दशहरा पर्व ,बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास एवं पारंपरिक तरीके से मनाया गया । लूनी नदी क्षत्रियों का मोर्चा के पास, सूर्यास्त के समय नगर परिषद बालोतरा द्वारा रावण दहन का विशेष आयोजन किया गया । लंकापति मायावी रावण और उसके परिजनों के विशालकाय प्रतिकात्मक पुतले खड़े किए गए,। मेले में श्रीराम , लक्ष्मण, माता जानकी, और रामभक्त श्री हनुमान के रूप धारण किए हुए ,  रिमोट का बटन दबाकर   प्रतीकातमक  रावण और उसके परिजनों के पुतलों में आग लगाई ।
 अहंकार का प्रतीक  रावण और उसके परिजन ,कुंभकरण व मेघनाद ,धू  धू करते हुए  जलकर ऱाख हो गये ।
लूनी नदी के किनारे आयोजित दशहरा पर्व पर आयोजित मेले में अपार जनसमूह उमड़ा ।
 नगर परिषद बालोतरा द्वारा सफाई  व्यवस्था तथा आतिशबाजी , जिला प्रशासन बालोतरा द्वारा शांति सुरक्षा एव कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए माकूल इंतजाम किया गया । किसी भी दुर्घटना और आपात स्थिति से निबटने  के लिए ,फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस सेवा कार्मिकोंं  के साथ ,पुलिस प्रशासन के आला  अधिकारियों सहित, पुलिस जवान, एवं महिला पुलिस कर्मी , मुस्तेदी  से अपना फर्ज  अंजाम दिया ।
आयोजित रावण दहन कार्यक्रम के  विश्व हिंदू परिषद, बालाजी सेवा समिति , व अन्य हिंदू संगठनों के  , पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे ।
 रावण दहन को देखने के लिए ,हजारों की तादाद में महिला पुरुष , युवक , युवतियां , बुजुर्ग और बच्चे तथा  गणमान्य नागरिक एकत्रित हुए ।

क्यों मनाया जाता है दशहरा विजय दशमी पर्व?
दशहरा या विजयदशमी हिन्‍दुओं का प्रमुख त्‍योहार है। यह त्योहार असत्‍य पर सत्‍य और बुराई पर अच्‍छाई की व‍िजय का प्रतीक है। रावण लंका का राजा था। अहंकार और अन्याय के प्रतीक रावण ने मां सीता का हरण किया था। श्रीराम ने उसे त्रुटि सुधार के कई मौके दिए, लेकिन अहंकारी रावण नहीं झुका। इसके बाद भगवान श्री राम ने आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी के दिन रावण का वध किया था। इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के दानव का वध कर उसके आतंक से देवताओं को मुक्‍त किया था। नवरात्रि के नौ दिनों के बाद 10वें दिन नौ शक्तियों की विजय के उत्‍सव के रूप में विजयदशमी मनाई जाती है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ,  छोटे भाई श्री लक्ष्मण ,  उनके परम भक्त  वनारदेव श्री हनुमान  जी और वानर  सेना की सहायता से लंका पर चढ़ाई की । मर्यादा पुरुषोत्तम श्री  राम ने ,मायावी रावण और उसके परिजन, मेघनाद तथा कुंभकरण का , तीर चला कर उनका वध किया  । रामभक्त श्री हनुमान ने अपनी पूछ में लगी आग से रावण की पूरी लंका को जलाकर राख कर दिया था ।
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